अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले के पूर्व वादी इकबाल अंसारी को 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के ‘प्राणप्रतिष्ठा’ समारोह का आज निमंत्रण मिला। इसके बाद इकबाल अंसारी की प्रतिक्रिया सामने आई है। आइए जानते हैं।
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होना है। इस दिन पीएम मोदी अपने हाथों से प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए लोगों को निमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं। इस कड़ी में आज बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी निमंत्रण मिला। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें निमंत्रण कार्ड सौंपा। इसके बाद इकबाल अंसारी की प्रतिक्रिया सामने आई है।
इकबाल अंसारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि भगवान राम की मूर्ति स्थापित होने जा रही है। अयोध्या हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सद्भाव की भूमि है। यह हमेशा बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट फैसला दिया और देशभर के मुसलमानों ने इसका सम्मान किया। कहीं कोई विरोध या प्रदर्शन नहीं हुआ। अयोध्या के लोग खुश हैं, मैं भी खुश हूं।’
कौन हैं इकबाल अंसारी?
इकबाल अंसारी के पिता हाशिम अंसारी राम जन्मभूमि स्वामित्व विवाद में मुख्य वादी थे। उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के बाद सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद की कानूनी लड़ाई जारी रखी। हालांकि, 9 नवंबर 2019 को एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि स्थल का स्वामित्व हिंदू पक्ष को सौंपने का फैसला सुनाया। इकबाल अंसारी ने अदालत के फैसले का स्वागत किया था और सैकड़ों वर्ष पुराने इस विवाद का पटाक्षेप करने पर बधाई दी थी।बता दें कि राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम का शुरुआती निमंत्रण इकबाल अंसारी को भेजा गया था। तब उन्होंने कहा था, ‘यह भगवान राम की दिव्य इच्छा हो सकती है कि मुझे पहला निमंत्रण मिला। मैं इसे स्वीकार करता हूं’। इसके बाद अब इकबाल अंसारी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए भी निमंत्रण पत्र मिला है।