गुरुग्राम। नगर निगम गुरुग्राम क्षेत्र के गांव बसई में एक व्यक्ति को निधन होने पर इसलिए कंधा तक नसीब नहीं हो सका, क्योंकि गांव में बरसात का पानी भरा था। बरसात होने के 12 घंटे बाद भी इस पानी की निकासी के नगर निगम की ओर से कोई प्रबंध नहीं किए गए। मजबूरी में शव को टैंपो में रखकर ले जाना पड़ा। कुछ लोग गाडिय़ों में और कुछ पानी के बीच से होते हुए शमशान घाट तक पहुंचे। ग्रामीणों में नगर निगम के प्रति रोष भी व्याप्त रहा।
जानकारी के अनुसार गांव बसई निवासी सुखबीर कटारिया (40) पुत्र चंद कटारिया का निधन हो गया। बुधवार को रिश्तेदार, जान-पहचान के लोग पहुंचने पर अंतिम क्रिया की तैयारी की गई। गांव में बरसात होने के 12 घंटे बाद भी पानी की निकासी नहीं हो पाई। विशेषकर शमशान घाट रोड पर कई फुट पानी भरा रहा। गांव के इन हालातों को देखते हुए ग्रामीणों ने सुखबीर कटारिया के शव को कंधों में ले जाने में रिस्क माना। मजबूरी में एक टैंपों में शव को रखकर शमशान घाट तक ले जाया गया। कुछ ग्रामीण सड़क पर भरे पानी में से पैदल तो कुछ गाडिय़ों, टैंपो में सवार होकर शमशान घाट तक पहुंचे। बरसात से जलभराव के कारण सुखबीर कटारिया के शव को कंधा तक नसीब नहीं हुआ। लोगों में भी इस बात का रोष रहा कि यहां से पानी की निकासी के कभी प्रबंध नहीं हुए। पानी कई-कई दिन तक खड़ा रहता है। कहने को तो बसई गांव नगर निगम में है, लेकिन यहां सुविधाएं कुछ भी नहीं।