गुरुग्राम, एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर कम होता नजर नहीं आ रहा है। हालाकि गत सप्ताह की अपेक्षा इस सप्ताह वायु में प्रदूषण का स्तर कम दिखाई दिया है। बढ़ते प्रदूषण के कारण आम जन विभिन्न बीमारियों के शिकार भी हो रहे हैं और छोटे बच्चों व वृद्धजनों को प्रदूषण से उपजी समस्याओं का सामना करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। पंजाब क्षेत्र में पराली जलाया जाना भी बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण बताया जा रहा है। प्राकृतिक गैस परितंत्र को प्रोत्साहित करने के क्षेत्र में जुटी थिंक गैस प्रतिष्ठान ने प्रदूषण व अन्य समस्याओं को लेकर ग्रीन समिट सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य स्टार्टअप क्षेत्रों के लिए टिकाऊ प्रौद्योगिकी एवं नवप्रवर्तन के महत्व पर जागरुकता पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। थिंक गैस के सीईओ हरदीप सिह का कहना है कि इस सम्मेलन में पंजाब सरकार के उच्चाधिकारी एवं अक्षय ऊर्जा स्त्रोत विभाग के अधिकारी सहित बड़ी संख्या में उद्यमी तथा विषय विशेषज्ञ भी शामिल हुए। सभी ने ऊर्जा के प्राकृतिक स्त्रोतों को अपनाने पर बल देते हुए कहा कि वन क्षेत्र को बढ़ाए जाने की जरुरत है। मकानों के निर्माण के समय जल संचय की जरुरत को भी ध्यान में रखा जाना जरुरी है। इस आयोजन में ब्रिटेन की उप उच्चायुक्त कैरोलिन रोबेट भी शामिल हुई। उन्होंने कहा कि पराली जलाए जाने से पंजाब हरियाणा और दिल्ली में वायु की गुणवत्ता खराब हो रही है। हरित व्यापार और शून्य उत्सर्जन की दिशा में सीओपी 27 में की गई प्रतिबद्धताओं में कुछ प्रगति अवश्य हुई है, लेकिन ये पर्याप्त नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा परिवर्तन के लिए चुनौतियां बहुत हैं। इनका सभी को सामूहिक रुप से मिलकर समाधान करना होगा। वक्ताओं ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए बड़ा हानिकारक है। शुद्ध हवा पाने का अधिकार हर किसी को है। पंजाब हरियाणा व दिल्ली की सरकारों को संयुक्त रुप से प्रयास करने होंगे कि वायु प्रदूषण को रोका जाए।