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पाकिस्तान जाने के बाद आईएसआई के लिए काम कर रहा था तहसीम, संवेदनशील सूचनाएं भेजता था

यूपी एसटीएफ ने शामली से आईएसआई एजेंट तहसीम को गिरफ्तार किया है। वह हथियार जुटाकर बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी में था।

शामली से गिरफ्तार आईएसआई एजेंट तहसीम आईएसआई हैंडलर्स के संपर्क में था। वह हथियार जुटा कर बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देना चाहता था। एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार होने के बाद उसके कनेक्शन का खुलासा हुआ है। पूर्व में उसके खिलाफ नकली नोटों की तस्करी के मुकदमे दर्ज किए गए थे।डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार और एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि बीते वर्ष 16 अगस्त को शामली में देश विरोधी गतिविधियों और आंतरिक सुरक्षा को क्षति पहुंचाने के सम्बन्ध में एसटीएफ ने आईएसआई एजेंट कलीम को गिरफ्तार किया था। बुधवार को एसटीएफ ने मुजफ्फरनगर के बुढाना से इस मुकदमे में वांछित कलीम के भाई शामली निवासी तहसीम उर्फ मोटा को गिरफ्तार कर लिया।

तहसीम ने बताया कि वह और उसका भाई कलीम पाकिस्तान आते-जाते हैं। वहां उनकी आईएसआई के कुछ हैंडलर्स से पहचान हो गयी थी। जिन्होंने पैसों का लालच देकर कहा कि भारत में जिहाद फैलाने के लिए असलहा व गोला-बारूद दिया जाएगा। तुम अपने लोगों को तैयार करो, जो कई स्थानों पर दंगा-फसाद कर सके ताकि भारत में शरिया कानून के तहत नये सिस्टम को स्थापित कर इस्लामिक राष्ट्र बनाया जा सके। इसके बाद तहसीम और कलीम फर्जी सिम प्राप्त कर वाट्सएप से पाकिस्तान में आईएसआई एजेंट दिलशाद उर्फ मिर्जा को संवदेनशील सूचनाएं भेजने लगे।

कश्मीर से लानी थी 10 पिस्टल : एडीजी एसटीएफ ने बताया कि तहसीम उर्फ मोटा वर्ष 2002 में पान, कत्था आदि बेचने के बहाने पाकिस्तान अपने रिश्तेदार के पास गया था। वह लाहौर में हमीदा से मिला जो कैराना की रहने वाली है। कैराना निवासी इकबाल काना जो काफी वर्ष पहले आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के बाद पाकिस्तान भाग गया था, हमीदा उसकी सहयोगी थी। पकडे़ जाने के डर से वह भी इकबाल काना की मदद से पाकिस्तान चली गयी थी। हमीदा के माध्यम से तहसीम की मुलाकात इकबाल काना से हुई थी। इसके बाद लाहौर के ड्राई फूड की दुकान करने वाले इकबाल काना के सहयोगी केसर ने उसे भारत में नकली नोट की सप्लाई करने के लिए आईएसआई हैंडलर दिलशाद मिर्जा से मिलवाया।

वर्ष 2002 से 2008 तक लगभग 2-3 माह के अंतराल पर नकली नोट की खेप भेजी जाती थी। इसे वह दिल्ली व अमृतसर से प्राप्त करता था। अमृतसर में 22 लाख रुपये के जाली नोट के साथ पकड़े जाने के बाद वह वर्ष 2016 तक जेल में रहा। जहां उसकी मुलाकात कैराना निवासी शाहिद से हुई। जेल से सात साल बाद बाहर आने पर वह शाहिद के सहयोग से ड्रग्स की सप्लाई और अन्य देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो गया बाद में शाहिद पाकिस्तान फरार हो गया। वर्ष 2019 में शाहिद ने इसको कश्मीर से 10 पिस्टल लेने के लिए भेजा लेकिन यह योजना सफल नही हो सकी थी। तहसीम एनआईए के केस में भी वांछित है।

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