फरीदाबाद, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल आपने नाम तो सुना ही होगा एनजीटी। अक्सर, सितम्बर, अक्तूबर माह में एनजीटी और अधिक सक्रिय हो जाता है, जब कोहरे की चादर शहर पर छाती है। एनजीटी के प्रतिबंध सख्त होते चले जाते हैं। यहां तक कई प्रकार के औद्योगिक प्रतिबंध सहित निर्माणों तक पर पाबंदियां लग जाती हैं। मगर, इसी एनजीटी का हवाला देकर खनन माफियाओं के पौ बारह हो रहे हैं। हरियाणा के खनन मंत्री हरियाणा में खनन पर पाबंदी लगाए जाने की बात करते हैं, मगर उनके गृह क्षेत्र फरीदाबाद में ही बड़े स्तर पर यमुना का खनन किया जा रहा है। सर्दियों में लोगों की आवाजाही कम होने की वजह से ये लोग प्रचूर मात्रा में नोट कमा रहे हैं और आज के समय में प्रत्येक बिल्डिंग मैटीरियल सप्लायर के पास यमुना रेती का भंडार भरा हुआ है। हालांकि कुछ समय पूर्व ही जिला प्रशॅासन ने अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है, मगर बावजूद इसके शहर में प्रचूर मात्रा में यमुना रेती आप ले सकते हैं। अब इसमें बड़ा सवाल यह उठता है कि जिला प्रशासन की सख्ती एवं खनन मंत्री द्वारा समय-समय पर खनन माफियाओं पर सख्ती वाले बयान देने के बावजूद शहर में आखिर यमुना रेती आ कहां से रही है।
यूपी में यमुना साफ करके रेता वहीं पर रख दिया जाता है
यमुना को साफ करने का टैंडर चल रहा है, पूरे उत्तर प्रदेश में यमुना से सफाई के बाद रेती को यमुना किनारे रख दिया जाता है और उस रेती का प्रयोग यमुना किनारे होने वाले निर्माण कार्यों में प्रयोग किया जाता है। यानि यूपी सरकार उसका एक तरफ जहां यमुना सफाई का काम बदस्तूर कर रही है, वहीं यमुना रेती का प्रयोग भी सरकारी योजनाओं की पूर्ति के लिए किया जा रहा है। वहीं, अगर बात करे हरियाणा की तो यहां पर यमुना सफाई का कार्य तो किया जा रहा है, मगर वहां से निकाली जा रही करोड़ों रुपए रेती को सैटिंग करके रेत माफियाओं के माध्यम से बेच दिया जा रहा है। यानि यमुना का रेत तो साफ हो रहा है, मगर एनजीटी की आड़ में अपने लोगों से करवा रहे हैं करोड़ों रुपए का माल साफ।
रात को स्टॉक में करते हैं यमुना से अवैध रेता चोरी
मंझावली यमुना रेता अवैध खनन का मामला बहुत लंबे समय से सुर्खियों में रहा है। लेकिन उस पर लगाम कसने में प्रशासन की कामयाबी नजर नहीं आ रही क्योंकि प्रशासन की आंखों के सामने से ही अवैध यमुना से भरे ट्रक गुजर रहे हैं। रात के अंधेरे में माफिया रेत सप्लाई करते हैं। माफिया किस कद्र बेखौफ है इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि मंझावली में दिन-रात धड़ल्ले से जमुना रेती की चोरी हो रही है। लेकिन खनन विभाग, आरटीए और पुलिस इसको रोकने में पूरी तरह से असफल रहे हैं।
सवाल यह बनता है कि मौजूदा प्रशासन आखिर क्या रहा है?
मौजूदा प्रशासन अपराधों को रोकने के लिए अपने क्षेत्र में केवल गस्त बढ़ा रहा है और अवैध खनन को लेकर लगातार अकामयाबी प्रशासन की नजर आ रही। पुलिस का कहना है कि माइनिंग को रोकना खनन विभाग का काम है पुलिस उन्हें अपना पूरा सहयोग देती है। गांव वालों का कहना है कि यह पूरा धंधा प्रशासन की मिलीभगत से चल रहा है। रेत से भरे डंपर खनन माफिया की सिक्योरिटी में चलते हैं। पुलिस भी रेत माफियाओं के ट्रैक्टर डंपर पर हाथ डालने से कतराती है।
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माँगों को लेकर जिला उपायुक्त कार्यालय पर हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने किया जोरदार प्रदर्शन
फरीदाबाद, प्रदेश के सभी जिलों में हरियाणा कर्मचारी महासंघ के बैनरतले तमाम कर्मचारियों ने लामबन्द होकर जिला उपायुक्त कार्यालय सेक्टर-12 जिला मुख्यालय फरीदाबाद पर अपना जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी पहले एक्साइज एन्ड टेक्सेशन विभाग के प्राँगण में इक_ा हुए जिसके बाद कर्मचारियों ने जुलूस की शक्ल में पैदल चल कर डीसी ऑफिस के मैन गेट पर पहुँच कर काफी देर तक प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश भरे लहजे में अपने विरोध को सरकार के प्रति जताते हुए नारेबाजी कर जोरदार प्रदर्शन किया। सफल प्रदर्शन की कमान जिले के प्रधान कर्मवीर यादव के हाथों में रही। विरोध प्रदर्शन करने के दौरान जिला उपायुक्त कार्यालय की ओर से सीटीएम अमित मान ने आकर प्रदर्शनरत हरियाणा कर्मचारी महासंघ के नेताओं से मुलाकात कर ज्ञापन की कॉपी लेकर कहा कि इस माँग पत्र को प्रदेश सरकार को भेज जल्द माँगों को मनवाने के काम करेंगे । विरोध प्रदर्शन के इस खास अवसर पर हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महासचिव सुनील खटाना ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज प्रदेश का तमाम कर्मचारी वर्ग भी आम जनता की भाँति गूँगी व बहरी बन चुकी प्रदेश की सरकार से अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है । कर्मचारियों की ओर से अपनी माँगों के मुद्दे पर बताया कि आज हजारों की संख्या में कर्मचारी अपने अपने जिलों में जिला उपायुक्त महोदयों के माध्यम से सभी ने सरकार के नाम एक माँग पत्र को लेकर के अपना ज्ञापन सौपा है कई सूत्रीय माँगों के विषय पर हरियाणा कर्मचारी महासंघ जिला कार्यालयों का घेराव करते हुए डी.सी महोदय के माध्यम से अपना ज्ञापन दिया । इस मौके पर सन्तराम लाम्बा, सतीश छाबड़ी, लेखराज चौधरी, विनोद शर्मा, रामसरन, योगेश, बृजपाल तंवर, पुष्पेंद्र, अशोक लाम्बा, रविदत्त शर्मा, सुनील चौहान, मदन गोपाल, सुरेन्दर, बृजलाल जांगड़ा, राजबीर आदि कर्मचारी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कर्मचारियों को संबोधित किया ।