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दुजाना के सुंदर डाकू ने दी थी इंदिरा को मारने की धमकी,कैसे पहुुंचा अंजाम तक

18 मर्डर, 65 केस और पुलिस की 07 टीमे खोज रही थीं, पश्चिम यूपी के खतरनाक गैंगेस्टर अनिल दुजाना को जिस पर हरवीर पहलवान की हत्या से लेकर दर्जनों हत्याओं, लूट, रंगरदारी और वसूली का आरोप था। पश्चिम यूपी का कोई जिला नहीं, जहां उसके गूर्गे मौजूद न हों। आईए नोएडा के एक ऐसे ही खतरनाक गैंगेस्टर की एनकाउंटर स्टोरी जानते हैं मार्कण्डेय पांडे से…
लग्जरी लाइफ का शौकीन पार्किंग की पर्ची काटता था
यूपी, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान पुलिस के लिए चुनौती बन चुका गैंगेस्टर अनिल दुजाना अपने कैरियर की शुरुआत गाजियाबाद नगर निगम में पार्किंग की पर्ची काटने से किया। इस काम में उसे भले ही कम पैसे मिलते हों लेकिन उसके शौक काफी उम्दा थे। वह लग्जरी लाइफ जीने का शौकीन था। हांलाकि पर्ची काटने से मिलने वाली पगार से उसका काम नहीं चला तो अपने ही गांव के टीटू नाम के एक अपराधी से मिलकर छोटी-मोटी वारदात में भी हाथ आजमाने लगा। धंधा चल पड़ा तो जरायम की दुनिया में उसके लिए एक के बाद एक दरवाजे खुलते गए। थोड़े ही दिन बाद टीटू की हत्या उत्तराखंड में हो गई लेकिन दुजाना अब काफी आगे निकल चुका था और उसका वापस आना मुश्किल था।
दुजाना के सुंदर डाकू ने दी थी इंदिरा को मारने की धमकी
बादलपुर थाने के दुजाना गांव के सुंदर डाकू ने एक वक्त इंदिरा गांधी को मारने की धमकी दे डाली थी। उसी गांव का अनिल दुजाना था जो टीटू की मौत के बाद अपना नया गॉड फादर सुंदर भाटी को बनाया। सुंदर भाटी के शार्प शूटर के तौर पर अनिल दुजाना की पहचान स्थापित हो गई और भाटी के साथ ही मिलकर वह अवैध धंधों में आगे बढ़ता गया। हांलाकि बाद में सुंदर भाटी गैंग से उसकी अदावत शुरु हो गई और उसने खुद का गैंग बना लिया। दोनो गैंग में गैंगवार की अनेक घटनाएं हुई। साल 2012 में दुजाना को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और वह साल 2021 में जमानत पर जेल से रिहा किया गया था। इस दौरान भी वह जेल में रहते हुए अपने गुर्गो से आपराधिक वारदातों को अंजाम देता रहा। अनिल दुजाना का प्रिय शौक हाईवे पर चलती गाडिय़ों को लूट लेना था, इस दौरान हत्या की वारदात को अंजाम देने में भी वह नहीं हिचकता था।
नौ साल बाद जेल से बाहर आया तो की शादी
अनिल दुजाना के शादी की कहानी किसी बॉलीबुड फिल्म जैसी है। बताया जाता है कि उसके ससुर की 40 एकड़ जमीन एक गैंगेस्टर राजकुमार कब्जा कर रहा था और उससे बचने के लिए दुजाना के ससुर को और बड़े गैंगेस्टर की तलाश थी। इसी दौरान उनकी मुलाकात अनिल दुजाना से हुई और उन्होंने अपनी बेटी की शादी की शर्त भी यही रखी कि जमीन हड़पने वाले गैंगेस्टर से बड़ा गैंगेस्टर बनना है। इसके बाद जमानत पर बाहर आए दुजाना की पहली मुलाकात अपनी होने वाली पत्नी से अदालत में ही हुई। जहां उसकी शादी हुई और गवाह बने कोर्ट के वकील, जज और पुलिसकर्मी सहित उपस्थित लोग। हांलाकि जनवरी 2022 में उसे फिर गिरफ्तार किया गया क्यों कि कोर्ट कार्यवाही के दौरान वह गैर मौजूद रहने लगा था। इसके बाद कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।
प्रापर्टी के विवाद सुलझाने की अदालत बन गया दुजाना
पश्चिम यूपी के कई शहरों और कस्बों में करोड़ों अरबों की प्रापर्टी को हड़प लेना या विवादित मामलों में न्यायधीश का काम दुजाना को रास आने लगा। विवादित मामलो को सुलझाने के नाम पर वह प्रापर्टी की आधी कीमत लेता और दूसरे पक्ष को धमका कर भगा देता या उसे ठीकाने लगवा देता। इस तरह गाजियाबाद, नोयडा, मेरठ आदि अनेक जगहों पर उसने डेढ़ सौ से अधिक प्रापर्टी कब्जा कर लिया और कई जगहों से हर महीने उसके पास लाखों रुपए किराया भी आने लगा।
कैसे पहुुंचा अंजाम तक
तिहाड़ जेल में बंद अनिल दुजाना 10 अप्रैल को जमानत पर जेल से बाहर आया था। जेल से बाहर आते ही उसने अपने खिलाफ दर्ज चमन भाटी हत्या के गवाहों को धमकाना शुरु कर दिया। कारण कि इस मामले में जल्दी ही फैसला आने वाला था और अंतिम तौर पर गवाही की प्रक्रिया चल रही थी। इसके बाद यूपी एसटीएफ ने उसकी घेरेबंदी शुरू कर दी। इसकी भनक लगते ही दुजाना अपनी पत्नी के पास राजस्थान के जयपुर चला गया। कुछ दिन जयपुर में गुजारने के बाद जैसे ही वह यूपी वापस लौटा पुलिस के साथ मुठभेड़ में मेरठ में मारा गया। रंगदारी वसूलने का उसका काम जारी था और वसूली के सिलसिले में ही वह मेरठ इलाके से गुजर रहा था। इसकी भनक यूपी एसटीएफ को पहले ही लग चुकी थी, पुलिस को यह भी इनपुट मिले थे कि वह देश छोडक़र नेपाल या किसी दूसरे देश भी भागने के मौके तलाश रहा है। इसके बाद यूपी एसटीएफ ने दुजाना के पीछे पड़ गई।
मेरठ के पास जब उसने अपने को चारों तरफ से पुलिस से घिरता हुआ देखा तो अपनी स्कार्पियों को तेजी से खेतों की तरफ भगाने का प्रयास किया। लेकिन एक बिजली के खंभे में उसकी गाड़ी टकरा गई। वहीं रुक कर वह अपने अत्याधुनिक हथियारों से पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दिया, जबावी फायरिंग में दुजाना की कहानी का अंत हो गया। जिसके बाद पश्चिम यूपी, दिल्ली और हरियाणा के लोगों ने राहत की सांस लिया।

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