जब हम अयोध्या के स्थानीय तीर्थो की बात करते हैं तो नंदीग्राम, भरतकुंड, मणिपर्वत, नागेश्वर महादेव, देवकाली समेत अनेक तीर्थ आते हैं जिनकी चर्चा के बिना अयोध्या और राममंदिर अधूरा है। जानते हैं वरिष्ठ पत्रकार मार्कण्डेय पांडे से…
हम उन स्थानों को भी जान लेते हैं जो मुगल आक्रमणों की यातना मौन होकर झेलते रहे। कई जगह मूर्तियों को भंग किया गया, कुछ स्थानों पर मंदिर तोड़ दिए गए तो कुछ स्थानों का नाम ही बदल कर पहचान मिटाने की कोशिश की गई। ऐसे ही स्थानों की सूची हम आपको देने जा रहे हैं।
प्राचीन नाम- वर्तमान नाम
चक्रतीर्थ- इस्लामाबाद
वशिष्ठ कुंड- कजियाना
रामकोट- बेगमपुरा
सप्तसागर-इटउबा
प्रमोदवन-वामे हयात
तुलसीबाड़ी- खजूरगंज
कौशल्या घाट- बेगम जहूरन की डयोढ़ी
ऋणमोचन-फकीर बाड़ा
रामगंज- रायगंज
स्वर्गद्वार- सैद बाड़ा
राजद्वार-रहमानगंज
श्रृंगारहाट-नौगजी
मीरापुर-डेराबीबी
मणिपर्वत-शीश पैगम्बर
गुप्तार घाट-सआदतगंज
यमस्थली-हसनू कटरा
पापमोचन घाट-गोडिय़ाना फटर
कुंजगली-टेढ़ी बाजार
त्रेतानाथ-उर्दू बाजार
रामघाट-रहीमाबाद
जानकी घाट-अख्तरगंज
वासुदेवघाट-अंगूरी बाग
विशाषवन-औलियाबाद
कैकेयीघाट-जीनत मंजिल
लक्ष्मणघाट-इमामहुसैन की डयोढ़ी
मत्तगजेंद्र- पीर मतगेंड
सुमित्रा घाट- अख्तर मंजिल
बृहस्पति कुंड- बाग विजेसर
विभीषण कुंड- सुत हट्टी
सरजू बाग- अवेहयात
नाग केसर भवन- मस्ताव बाग
स्वर्ण खान कुंड- सुलेमान बाग
अयोध्या के कौन से प्राचीन कुंड और सरोवर हैं। इसी प्रकार प्रमुख अखाड़े, छावनियां, सरयू किनारे के घाट कौन से हैं। इसके अलावा हिंदू धर्म की जातियों में पंचायती मंदिर कौन-कौन से अयोध्या में स्थित हैं। तो सबसे पहले चर्चा करते हैं अयोध्या के कुंड और सरोवरों के जो कि लगभग 50 हैं। कालक्रम में इनकी स्थिति नष्ट अथवा क्षीण अवश्य हुई है लेकिन लोकमान्यता और आस्था में कोई कमी नहीं आई है।
रामसरोवर, सीताकुंड, श्रीसागर, अदभुत सागर, दशरथ कुंड, रुक्मिणी कुंड, राधिका कुंड, लक्ष्मण कुंड, भरत कुंड, योगिनी कुंड, ब्रम्हाकुुंड, निर्मली कुंड, हनुमान कुंड, वासुकी कुंड, बृहस्पति कुंड, सूर्य कुंड, खर्जुली कुंड, शुक्र कुंड, वैतरणी, सुग्रीव कुंड, अग्रि कुंड, उर्वशी, गणेश कुंड, यमराज कुंड, कुशमायुध कुंड, गिरिजा कुंड, दुर्भसर, विभीषण कुंड, सप्तसागर, विद्या कुंड, महाभ्रमर, वशिष्ठ कुंड, चंद्र सरोवर, कौशल्या कुंड, चंद्र सरोवर, धनक्षय कुंड, पार्वती कुंड, शुक्र कुंड, तिलोदकी कुंड, स्वर्णखनी कुंड, क्षीर सागर, पिशाची कुंड, जन्मेजय कुंड, माण्डवी कुंड, विदेहसर, प्रमोद कुंड, दंतधावन कुंड, धो पाप कुंड, चक्रतीर्थ, शत्रुघ्र कुंड, अंजनी कुंड और लक्ष्मी कुंड।
इसी प्रकार अयोध्या में हिंदू धर्म की जिन जातियों के पंचायती मंदिर प्राचीन काल से मौजूद हैं। उनमें- अग्रहरी वैश्य का पंचमहला पंचायती मंदिर है। ठठेर जाति का नजर बगिया मुहल्ले में हैं। कलवार का टेढ़ी बाजार जिसे कभी कुंंज गली कहा जाता था। कायस्थों का पंचायती मंदिर मीरापुर मुहल्ले में हैंं। कसौधन का बेगमपुरा जिसे रामघाट कहा जाता था। धरकार बिरादरी का पंचायती मंदिर कटवा में हैं, कुर्मी लोगों का पंचायती मंदिर कनीगंज में, कुम्हार का पांजीटोला, कुरील का रामकोट, केवट का कैथाना, कोहार का कटरा, खटिक का पंचायती मंदिर कजियाना में हैं जिसे प्राचीन काल में गुरु वशिष्ठ नाम से जाना जाता था। गड़रिया का भी रामकोट में है, कनीगंज में ही ठठेरा लोगों का एक और पंचायती मंदिर है। तेली का सुग्रीव किला के पास है, धोबी का छपिया मंदिर के पीछे हैं, नाऊ का रघुनाथ दास जी छावनी के पास है। निषाद का मातगेंड में, पटहार का छपिया मंदिर के पास, पासी का कनीगंज में है। इसीप्रकार बढ़ई का ऋणमोचन चौराहे के पास, रायगंज में भी है। वेलदार का टेढ़ी बाजार, लोधी क्षत्रिय का रामकोट में, राजभर का लिरौनियां में, पतिवढ़ भर का खाकी अखाड़ा के पास, भूज का अशर्फी भवन के पास, भंगी का कैकेयी घाट के पास, माली का रामजन्म भूमि के पीछे। मुराव और यादव का कैथाना में, रैदास का हनुमान कुंड के पास पंचायती मंदिर है। लोनिया और लुहार का पुराना थाना, सोनार का कनीगंज, हलवाई का रायगंज, बरबर क्षत्रिय का बरियारी टोला में स्थित है।
प्रमुख अखाड़े, छावनियां और घाट
निवार्णी अखाड़ा, खाकी अखाड़ा, दिगम्बर अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, संतोषी अखाड़ा, निरालंबी अखाड़ा, महानिवार्णी अखाड़ा। उल्लेखनीय है कि इन अखाड़ों और पंचायती मंदिरों ने मुगल आक्रमण का जमकर प्रतिकार किया है और अनगिनत बलिदानों से इतिहास भरा है। जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे। इसके अलावा अयोध्या में मणिराम दास छावनी, तपस्वी जी की छावनी, रघुनाथ दास जी की छावनी, बाबा रामप्रसाद जी की छावनी प्रमुख हैं। अयोध्या में कुल प्रमुख 30 घाट हैं जिनके बारे में जान लेना उचित हैं। जैसे निर्मला कुंड घाट, गुप्तार घाट, मीरन घाट, यमस्थल, रामकला, चक्रतीर्थ, ब्रम्हकुंड, प्रहलाद घाट, विष्णुहारी, सुमित्रा घाट, कौशिल्या, कैकेयी, राजघाट, गोलाघाट, रामघाट, वासुदेव घाट आदि।