5 अगस्त 2020 को जब राम मंदिर निर्माण की पहली ईट रखी गई तब ही अयोध्या और आसपास के क्षेत्र के आर्थिक कायाकल्प की भी नींव रख दी गई। अयोध्या का आर्थिक परिदृश्य आने वाले दिनों में किस प्रकार बदलने जा रहा है। बताते है आपको।
500 सालों से अधिक समय तक अयोध्या संघर्ष में रही है। उत्थान पतन के दौर से गुजरती रही है। अयोध्या को इंतजार था हिंदू पुनरुत्थानवादी शासकों की, जो सदियों की प्रतीक्षा के बाद मिल गए हैं। अब अयोध्या बदल रही है, लेकिन उसका मूल चरित्र कायम रखते हुए तेजी से बदलाव हो रहा है। श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर का भव्य निर्माण तो हो ही रहा है। अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों में करीब तीन हजार करोड़ की लागत से विकास कार्य गतिमान है।
अयोध्या में देश का आधुनिकतम रेलवे स्टेशन अयोध्या धाम तैयार है। महर्षि वाल्मिकी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तैयार है। हाई टेक बस अड्डा अपनी सेवाएं जारी कर चुका है। बिजली, पानी की व्यवस्था मुकम्मल हो चुकी है। सआदात गंज से नया घाट तक 13 किमी लंबा शानदार रामपथ बनकर तैयार है। ‘रामपथ’ को हनुमान गढ़ी होते हुए राम जन्मभूमि से जोड़ने के लिए 700 मीटर लंबा ‘भक्तिपथ’, सुग्रीव किला से श्रीराम जन्मभूमि मार्ग तक 500 मीटर लंबे ‘जन्मभूमि पथ’ के साथ 10 किलोमीटर लंबा पंचकोसी मार्ग और 23 किलोमीटर लंबा चौदह कोसी मार्ग श्रद्धालुओं के दर्शन को आसान करेंगे। करीब 3000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से अयोध्या शहर में चल रहे विकास कार्यों को हर हाल में जनवरी के पहले हफ्ते के भीतर पूरा करने का लक्ष्य अधिकारियों को दिया गया है।
सालाना आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 25 करोड़ तक पहुंच जाएगी
अयोध्या के आसपास पंच कोसी और चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग को विकसित किया जा रहा है। अब 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को विकसित करने की केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है। 84 कोसी के अंतर्गत अयोध्या जिले के आसपास अंबेडकरनगर, बस्ती, बाराबंकी, गोंडा आदि जिले आते है। जाहिर है इन जिलों का तेजी से विकास होगा। इतना ही नहीं इन जिलों का सबसे करीबी हवाई अड्डा भी महर्षि वाल्मिकी ही हो गया है। भारतीय सनातन संस्कृति के प्रतीक के रूप में देखा जाने वाला यह मंदिर अभूतपूर्व संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है। वर्ष 2022 में दो करोड़, 68 लाख, 17 हजार से अधिक देसी और एक हजार 511 विदेशी पर्यटक व श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि राम मंदिर निर्माण के बाद यहां सालाना आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 25 करोड़ तक पहुंच जाएगी। यदि एक पर्यटक दो हजार रुपए भी खर्च करता है, तो राम मंदिर के कारण सालाना आय 50,000 करोड़ पहुंचेगी।
अयोध्या में होटल और रिसॉर्ट निर्माण के 22 प्रस्ताव पर्यटन विभाग को मिल चुके
इससे स्थानीय व्यवसायों को काफी लाभ होगा, छोटे उद्यमियों को आवास, परिवहन, भोजन और विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ती मांग से लाभ होगा। रामनगरी की बदल रही अर्थव्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यूपी पर्यटन नीति-2022 के तहत अयोध्या में होटल और रिसॉर्ट निर्माण के 22 प्रस्ताव पर्यटन विभाग को मिल चुके हैं। जबकि दो बड़े होटल रॉयल हेरिटेज और रामायन बिलकुल हाई वे पर बनकर तैयार हो गए हैं। यहां तक कि पेइंग गेस्ट योजना में अब तक 40 से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में भी लोग पर्यटकों को होम स्टे सुविधा मुहैया कराने में रुचि दिखा रहे हैं। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरयू नदी में गुप्तार घाट से नया घाट तक क्रूज संचालन भी शुरू किया गया है।
कुछ मल्टीनेशन ब्रांड्स और भी खुलने जा रहे हैं
देश विदेश से पर्यटकों के आगमन में तेजी को देखते हुए बड़े ब्रांड्स ने यहां के बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी है। जैसे पेंटालून, फन अनलिमिटेड, मार्केट 99, डिशुम मल्टीप्लेक्स के साथ डोमिनोज, पिज्जा हट जैसी कंपनियों के आउटलेट यहां खुल चुके हैं। कुछ मल्टीनेशन ब्रांड्स और भी खुलने जा रहे हैं। लूलू हाइपर मार्केट का निर्माण भी प्रस्तावित है। पिछले यूपी इन्वेस्टर समिट में अयोध्या को 33 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश का प्रस्ताव मिले थे। यहां तक की देशभर के रियल एस्टेट कारोबारियों की नजर पर अयोध्या है। यहां निवेश की भारी संभावना देखी जा रही है। धर्म नगरी की ग्रीन फील्ड टाउनशिप में एक दर्जन से अधिक कंपनियों ने निवेश की रुचि दिखाई है। स्पष्ट है कि अयोध्या आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश का ग्रोथ इंजिन बनेगा।