चंडीगढ़ में हुए मेयर चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद सियासत गरमा गई हैं। बता दें कि चंडीगढ़ में भाजपा के पार्षद मनोज सोनकर ने मेयर पद का चुनाव जीता और उन्हें चंडीगढ़ का मेयर बनाए गया। बता दें कि कांग्रेस और आप का गठबंधन था। जिसे बीजेपी ने हरा दिया। आप और कांग्रेस के कुल 20 पार्षद थे। बावजूद इसके उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। इसको लेकर सदन में जमकर हंगामा भी हुआ। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत का जादुई आंकड़ा 19 होता है। वर्तमान में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को मिलाकर गठबंधन के पास कुल 20 वोट हैं। भाजपा के पास सांसद किरण खेर का वोट मिलाकर कुल 15 वोट हैं। इसके बावजूद 16 वोट पाकर भाजपा जीत गई है।
कांग्रेस और आप पार्टी ने हाईकोर्ट से लगाई गुहार
बड़ी जानकारी सामने आई है कि चंडीगढ़ मेयर मामला हाईकोर्ट जा पहुंचा है। भाजपा की जीत के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने तत्काल हाईकोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा कि यह चुनाव गलत है। उनके 8 वोट अमान्य करार दे दिए गए और इसका कोई कारण तक नहीं बताया गया। कुलदीप कुमार की तरफ से सीनियर एडवोकेट गुरमिंदर सिंह ने दोपहर सवा दो बजे हाईकोर्ट से आग्रह किया कि उनकी इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए और इस चुनाव का रिकॉर्ड सील किया जाए, यह सीधे तौर पर लोकतंत्र ही हत्या है। लेकिन हाईकोर्ट ने आज इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और बुधवार सुबह इस याचिका पर सुनवाई किया जाना तय कर दिया है।
भगवंत मान ने बताया लोकतंत्र के लिए काला दिन
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि आज का दिन हमारे देश के लोकतंत्र में ‘काले दिन’ के रूप में लिखा और याद किया जाएगा। दुर्भाग्य से, यह वही महीना है जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। आज संविधान की धज्जियां उड़ा दी गई हैं। जिस तरह से चंडीगढ़ मेयर चुनाव को मीडिया के सामने, कैमरे के सामने भाजपा ने ‘लूट’ लिया। इसके पहले उन्होंने मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, पूर्वोत्तर राज्यों में ऐसा किया था। तो ये उनकी पुरानी आदत है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर आप सांसद राघव चड्ढा ने इस नतीजे से पता चलता है कि जब मेयर चुनाव के लिए बीजेपी सभी गैरकानूनी हथकंडे अपना सकती है तो लोकसभा चुनाव में अपनी हार देखकर वे क्या करेंगे। क्या बीजेपी इस देश को उत्तर कोरिया बनाना चाहती है।