मेरठ से आस्ट्रेलिया और नीदरलैंड तक फैला है जाल और हर वक्त आधुनिक विदेशी हथियारों से लैस बॉडीगार्ड और बाउंसरों के घेरे में रहने वाल स्टाइल आइकॉन पश्चिमी यूपी, दिल्ली-एनसीआर का डॉन बदन सिंह बद्दो यूपी पुलिस और एसटीएफ के लिए सिरदर्द बना हुआ है। आइए बताते हैं इस पांच लाख के इनामी गैंगेस्टर की कहानी…
लाखों का चश्मा, कलाई मेें सूट के हिसाब से बदलती महंगी घडिय़ा, लग्जरी इंपोर्टेड बीएमडब्लू की महंगी गाडिय़ा, चारों तरफ अत्याधुनिक विदेशी हथियार और बाउंसरों की भीड़ के बीच रहने वाला बदन सिंह बद्दो की शामे रंगीन, तो रात हसीन करने का शौकीन है। उसे शौक है महंगे होटल, रेस्त्रा और विदेशी टूर का उसकी जिंदगी आम गैंगेस्टरों से अलग, बेहद हाईप्रोफाईल है।
साल 2019 लोकसभा के चुनाव चल रहे थे और मेरठ में नरेंद्र मोदी की रैली होने वाली थी। तभी मेरठ के हाईवे के ढ़ाबे पर एक सफारी रुकी जिसमें से सफेट शर्ट और जींस में बेहद स्मार्ट से सख्स को देखकर जंगल में आग की तरह खबर फैल गई कि बदन सिंह बद्दो जेल से बाहर आ गया है। इसके बाद बदन सिंह बद्दो ने शहर के कई लोगों को कॉल किया। सबसे चौकाने वाली बात तब हुई जब उसने फेसबुक पोस्ट करते हुए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बृजलाल को अपना दोस्त बताया और लिखा कि उसके खिलाफ उसके दोस्त रोमीशिव और बृजलाल सिंडिकेट चला रहे हैं। यह वह गैंगेस्टर है जिसकी तलाश में यूपी पुलिस और एसटीएफ ने यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, हिमाचल तक की खाक छानी है लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा।
बिल्ली को हाथ में रखना गुडलॅक मानता है
बदन सिंह बद्दो पर्शियन बिल्लियों को अपने हाथों में रखना अपने लिए गुडलॅक मानता है। 1995 में जैश्मीन उसकी जिंदगी पत्नी बनकर आई जिससे उसे दो बच्चे भी हुए। इसी बीच बद्दो के दुश्मनों की तादात बढऩे लगी और जैश्मीन बच्चों के साथ आस्ट्रेलिया चली गई और वहां पर उसका होटल का कारोबार संभालने लगी। हांलाकि बाद में दोनों में तलाक हो गया। जिसके बाद उसने मल्टीनैशनल कंपनी की एक वरिष्ठ अधिकारी से सात फेरे ले लिए। हांलाकि बद्दो की हकीकत उस मल्टी नैशनल अधिकारी को नहीं पता थी, और जब तक पता चलती तब तक बद्दो उसे भी 60 लाख का चूना लगा चुका था।
दर्जनों देशी-विदेशी गर्लफ्रेंड का शौकीन
बदन सिंह बद्दो का वैवाहित जीवन भले ही सुखी न रहा हो लेकिन उसकी मुरीद दर्जनों देशी विदेशी लड़कियां और महिलाएं हैं। जिनको वह महंगे गिफ्ट से लेकर देश विदेश के ट्रिप का भी इंतजाम करता है। पांच सितारा होटलों में शाम रंगीन करने वाले बद्दो की जिंदगी किसी फिल्म स्टार से कम नहीं है। बदन सिंह बद्दो साल 2017 में फर्रुखाबाद सेंट्रल जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा था। 1996 में मेरठ के टीपी नगर इलाके में बद्दो ने दिल्ली के इनामी भोलू और दर्जन भर गुर्गो के साथ मिलकर एडवोकेट रविंद्र पाल सिंह की सरेआम हत्या कर दी। इस मामले में एडवोकेट रविंद्र पाल सिंह के भाई ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार बदे को उम्रकैद की सजा हुई। बद्दो के खिलाफ तबतक 47 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें उसे पहली बार सजा हुई थी।
पुलिस का नशा उतरा तो बद्दो फरार हो चुका था
साल 2019 की बात है। ट्रक के फर्जी आरसी बनाने के एक मामले में बद्दो की गाजियाबाद कोर्ट में पेशी हुई। उधर जेल में रहते हुए उसने अपनी फरारी का तानबाना बुन लिया था। गाजियाबाद कोर्ट से वापसी के समय उसने पुलिस वालों से कहा कि मेरठ होकर उसके परिवार जनो से मिलवाते हुए चलो। बद्दो को परिवार वालों से मिलवाने पुलिस वाले मेरठ लेकर आए जहां पर उसने पुलिस वालों के लिए बेहतरीन शराब और शबाब की पार्टी का आयोजन कर रखा था। पुलिस वालों को मदहोश कर खुद एक व्यूटी पार्लर में चला गया। बताया जाता है कि व्यूटी पार्लर चलाने वाली शहर के मशहूर डाक्टर की बेटी थी जो बद्दो की दोस्त हुआ करती थी। वहां से बद्दो अपने दोस्त भानु के घर पहुंचकर कुछ दोस्तों से मुलाकात किया। उसके दोस्तों ने उसके लिए लाखों रुपए के इंतजाम किए थे। रुपयों से भरा बैग लेकर वह भानु के साथ हापुड़ होते हुए नोएडा फिर दिल्ली पहुंचा। बताया जाता है कि लाजपत नगर मेट्रो स्टेशन के पास वह रुपयों से भरा बैग लेकर उतरा और कहां गया किसी को पता नहीं चला।
फर्राटे से बोलता अंग्रेजी
गैंगेस्टर बदन सिंह बद्दो बात-बात में अंग्रेजी बोलता है तो अपने साथियों का हौसला भी कभी शेक्सपीयर तो कभी जान किट्स के कोटेशन बोलकर करता है। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला यह गैंगेस्टर जेल से फरार हो चुका है और अब बताया जाता है कि नीदरलैंड में बैठकर विदेशी हथियारों का काला कारोबार करता है। मेरठ से आस्टे्रलिया और नीदरलैंड तक अपना कारोबार फैलाए यह गैंगेस्टर पुलिस की आंख में धूल कैसे झोंकते हैं बखूबी जानता है। बताया जाता है कि पुलिस वालों को महंगी शराब का जाम पिलाकर खुद फरार हो गया।