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कौन थीं इंदिरा गांधी, जीवन परिचय-परिवार, सब विस्तार से जानिए

पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनकी पत्नी कमला नेहरू की इकलौती संतान इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर सन 1917 में हुआ। इंदिरा गांधी बचपन से ही राजनीतिक वातावरण देखकर बड़ी हुई। पंडित जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस सरकार में प्रमुख सदस्य थे और उनके पितामह उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से एक धनी बैरिस्टर थे। सन 1936 में मां कमला नेहरू का बीमारी के कारण देहांत हो गया। जवाहर लाल नेहरू का देहांत 27 मई, 1964 को हुआ। इंदिरा गांधी बचपन से ही देशभक्ति की भावना हृदय में रखती थी। 5 वर्ष की उम्र में इंदिरा ने अपनी गुड़िया जलाने का फैसला किया क्योंकि वह इंग्लैंड से लाई हुई थी। बता दें कि 12 वर्ष की उम्र में इंदिरा गांधी ने कुछ बच्चों की वानर सेना बनाई और उसका नेतृत्व किया जिसका नाम बंदर ब्रिगेड रखा गया था।

पारिवारिक जीवन का नहीं रहा अनुभव

कमला नेहरू की मृत्यु के समय जवाहरलाल नेहरू भारतीय जेल में थे इसलिए इंदिरा गांधी ने अपने बचपन में पारिवारिक जीवन का अनुभव नहीं किया। उन्होंने प्रमुख भारतीय, यूरोपीय तथा ब्रिटिश स्कूलों में अध्ययन किया। इंदिरा गांधी ने पुणे विश्वविद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद वह इंग्लैंड चली गई। रविंद्र नाथ टैगोर ने इंदिरा गांधी को “प्रियदर्शनी” का नाम दिया था। इंग्लैंड जाने पर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में प्रवेश लिया लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाई। ब्रिस्टल के बैडमिंटन स्कूल में कुछ महीने बिताने के बाद 1937 में परीक्षा में सफल हुई।

इंदिरा गांधी का शादी करना एक महत्वपूर्ण हिस्सा

इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी की मुलाकात 1930 में हुई। आजादी की लड़ाई के दौरान मां कमला नेहरू एक कॉलेज के सामने धरना देते वक्त बेहोश हो गई थी उस समय फिरोज गांधी ने उनकी बहुत देखभाल की थी इसीलिए फिरोज गांधी अक्सर मां कमला नेहरू का हाल-चाल लेने घर आते जाते थे। इस दौरान इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी। फिरोज गांधी से इंदिरा गांधी की शादी 1942 में हुई लेकिन जवाहरलाल नेहरू इस शादी के खिलाफ थे। फिरोज गांधी पारसी थे और इंदिरा गांधी हिंदू। उस समय अंतरजातीय विवाह इतना आम नहीं था ऐसे में महात्मा गांधी ने इस जोड़ी को समर्थन दिया। बता दें कि भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी को जेल भी हो गई थी।

भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी

1959 और 1960 के दौरान कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गई। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बनने के बाद उनके जीवन में बहुत बदलाव आए। इंदिरा गांधी सूचना और प्रसारण मंत्री के लिए नियुक्त की गई। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के. कामराज ने शास्त्री के आकस्मिक निधन के बाद इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई। सन् 1966 में जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं, मोरारजी देसाई उन्हें “गूंगी गुड़िया” कहा करते थे। इंदिरा गांधी 1966 से 1977 तक लगातार 3 बार प्रधानमंत्री रहीं। चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। इंदिरा गांधी का मोरारजी देसाई के साथ काफी तर्क वितर्क हुआ और कई मुद्दों पर असहमति होने के कारण कांग्रेस सरकार दो भागों में बंट गई।

हरित क्रांति को इंदिरा ने दी प्राथमिकता

नेहरू युग के अंतिम वर्ष में खाद्यान्न में संकट आने लगा और जिस कारण राज्य में दंगे होने लगे। लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी हरित क्रांति को भारत में लाएं। 1966 में इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद को संभालने के बाद कृषि पर अपना पूरा ध्यान एकत्रित कर लिया और हरित क्रांति को सरकार की प्राथमिकता बना डाली। भारतीय किसानों के लिए गेंहू और चावल की फसल को उपजाऊ बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। हरित क्रांति के द्वारा रासायनिक खादों और नई तकनीक पर जोर दिया गया। हरित क्रांति की यह योजना सन् 1960 में उपज को बढ़ाने के लिए लाई गई।

इंदिरा गांधी की हत्या

31 दिसंबर 1984 को नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री निवास के बगीचे में इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई। गांधी को अस्पताल ले जाते समय उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था। लेकिन घंटों तक उनकी मृत्यु घोषित नहीं की गई। इंदिरा गांधी की हत्या करने में दो लोगों का हाथ था। पहला बेअंत सिंह और दूसरा सतवंत सिंह। बेअंत सिंह की फायरिंग से इंदिरा गांधी की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि सतवंत सिंह का इलाज चला और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद तफ्तीश की गई तो कुछ और नाम सामने आए। केहर सिंह और बलबीर सिंह, इसमें से केहर सिंह बेअंत सिंह का रिश्तेदार था। इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार 3 नवंबर को राज घाट के समीप हुआ।

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