उत्तर प्रदेश मे बस्ती जनपद त्रेता युग से भगवान श्रीराम के जीवन की कई इतिहास को समेटे हुए है। भगवान श्रीराम और माता सीता सहित अन्य देवताओं ने मनोरमा-कुआनो के संगम तट पर लिट्टी-चोखा खाया था। तब से यहां पर भारी संख्या मे मेले का आयोजन होता है।
पवित्र मनोरमा नदी में स्नान करने से मनुष्य का दैहिक, दैविक, भौतिक हर तरह का पाप नष्ट हो जाता है। लालगंज थाना क्षेत्र मे मनोरमा-कुआनो नदी के संगम तट पर महर्षि उद्दालक मुनि की तपोभूमि तट पर भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ चैत्र पूर्णिमा के दिन स्नान करने के बाद पूजन अर्चन किया था उसके बाद लिट्टी चोखा बनाकर सभी लोगो ने खाया था। उस समय पृथ्वी स्वर्ग के समान हो गयी थी आकाश मे उजाले थे और जबतक भगवान वहां मौजूद थे तबतक चारो तरफ भक्ति का माहौल था। यही नही भगवान श्रीराम लिट्टी-चोखा खाने के बाद यहीं यहीं रात्रि विश्राम किया था।
तब से यहां पर चैत्र पूर्णिमा के दिन हजारो की संख्या मे कई जनपदो से लोग आकर मनोरमा-कुआनो के संगम तट पर नहाते है उसके बाद अनाज,धन दान करके लिट्टी-चोखा बना कर खाते है तथा एक दूसरो को खिलाते है। यहां पर लगभग 5 दिनो तक मेले का आयोजन होता है जहां पर भारी संख्या मे भीड़ होती है पुलिस प्रशासन की मौजूदगी मे मेले का आयोजन समपन्न होता है। पुलिस को अलग-अलग पाली मे बड़े पैमाने पर ड्यूटी करनी पड़ती है जिसकी निगरानी पुलिस के उच्चधिकारियों द्वारा किया जाता है।
श्रद्वालुओं द्वारा यहां पर लिट्टी चोखा जो बनाया जाता है उसको प्रसाद के रूप मे वितरण भी किया जाता है। लोगो का ऐसा मानना है कि यहां पर लिट्टी चोखा लगाने से सभी पाप कट जाते हैं।