कर्नाटक में मांड्या जिले के केरागोडु गांव में रविवार को उस वक्त हंगामा मच गया जब अधिकारियों ने 108 फुट ऊंचे हनुमान ध्वज को उतार दिया। घटना के बाद से राज्य में सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक तनातनी शुरू हो गई है। ध्वज उतारे जाने के खिलाफ बीजेपी, जनता दल सेक्युलर (जद-एस) और बजरंग दल के सदस्यों के साथ-साथ गांव और उसके आसपास के लोगों के जमा होने पर, एहतियातन बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
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कर्नाटक में बिगड़ रहा लॉ एंड ऑर्डर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि इतने ऊंचे पोल पर ‘हनुमान ध्वज’ की बजाय ‘राष्ट्रीय ध्वज’ को फहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज की जगह ‘भगवा झंडा’ फहराना सही नहीं है। सिद्धारमैया की इस बयानबाजी से मामला गरमा गया है। वहीं बीजेपी ने कर्नाटक में अशांत माहौल बनने और हंगामे के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र का कहना है कि केरागोडु गांव में ‘हनुमान ध्वज’ फहराने का फैसला ग्राम पंचायत बोर्ड का था, लेकिन राज्य सरकार ने पुलिस बल के जरिए इसको नीचे उतारने की हिमाकत की है। राज्य में ‘लॉ एंड ऑर्डर’ की स्थिति बिगड़ती जा रही है जिसके लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है।
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पुलिस और गांव वालों के बीच नोकझोंक
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में ध्वज को उतारने के बाद रविवार सुबह तनाव बढ़ गया और पुलिस और प्रदर्शनकारी ग्रामीणों व कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस हुई। कुछ प्रदर्शनकारियों ने सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार और मांड्या से कांग्रेस विधायक गनीगा रविकुमार के खिलाफ अपना गुस्सा जताया और उनके खिलाफ नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी अपनी मांग पर अड़े रहे और ध्वज स्तंभ के आधार पर एक छोटे भगवा झंडे के साथ भगवान राम के चित्र वाला एक फ्लेक्स बोर्ड लगा दिया। पुलिस ने उस झंडे को हटाने की कोशिश की तो उसे प्रतिरोध का सामाना करना पड़ा और प्रदर्शनकारियों ने ‘जय श्री राम, जय हनुमान’ के नारे लगाए।