गुरुग्राम, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में टैक्स करदाताओं व अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए जीएसटी ट्रिब्यूनल बनेगा, जिसके आगामी मार्च तक शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए जीएसटी काउंसिल को सिफ़ारिश की जा चुकी है। उन्होंने घोषणा की कि जीएसटी संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए हिसार व गुरूग्राम में दो जॉइंट ईटीसी रेंज अपील कार्यालय खोले जायेंगे। वे आज गुरूग्राम के सैक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस में आबकारी एवं कराधान विभाग हरियाणा द्वारा हरियाणा टैक्स बार एसोसिएशनो के सहयोग से प्रदेश में पहली बार आयोजित किए गए एक दिवसीय ‘कर संवाद‘ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में हरियाणा के दुष्यंत चौटाला ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। इस दौरान हरियाणा टैक्स बार एसोसिएशनो के प्रतिनिधियों के साथ टैक्स संबंधी विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।इस कार्यक्रम में हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा करनाल की टैक्स बार एसोसिएशन के प्रधान के अलावा अधिवक्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में जीएसटी संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए करदाताओं, अधिवक्ताओं व आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को संाझा मंच प्रदान करते हुए मंडल स्तर पर ‘जीएसटी आमने-सामने‘ शुरू किया जाएगा। शुरूआती स्तर पर इसे प्रदेश के सभी 6 मंडलों – अंबाला, करनाल, रोहतक, हिसार, गुरूग्राम, फरीदाबाद में शुरू किया जाएगा जिसमें प्रत्येक माह में एक बार करदाता, टैक्स अधिवक्ता व अधिकारी मिलकर टैक्स संबंधी समस्याओं का निवारण करेंगे।इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने जीएसटी के लिए वोलंटरी रजिस्ट्रेशन को बढ़ावा देने का आह्वान किया और कहा कि एक साल में सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन करवाने वाले तीन अधिवक्ताओं को सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला – अपने विचार रखते हुए कहा कि जीएसटी आने के बाद लोगों को इसे समझने में काफी समय लगा। ऐसे में वैट क्लेक्शन का भी गंभीर विषय रहा। उन्होंने कहा कि वैट से जुड़े विषयों की पेंडेंसी को क्लियर करने के लिए सरकार ने प्रयास किए हैं कि साल दर साल के क्रम में इसकी पेंडसी को कम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह मैन्युअल समय था, आज डिजीटल समय हैं, इसके डिजिटलीकरण के लिए वर्किंग चल रही है। चौटाला ने कहा कि जल्द ही इसके लिए व्यवस्था बनाई जाएगी जिसमें ‘फर्स्ट इन-फर्स्ट आउट‘ की प्रक्रिया के तहत सबसे पुरानी डेट की पेंडसी को पहले क्लियर किया जाएगा व उसके उपरांत इसी क्रम में तारीख व साल के अनुसार पेंडसी को क्लियर किया जाएगा।इस मौके पर आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि देश मे जीएसटी कानून को लागू करना एक बहुत ही कठिन निर्णय था। उन्होंने कहा कि जितने भी देशों ने अभी तक जीएसटी लगाया है उसका क्रियान्वयन एक जटिल प्रक्रिया रही है। उन्होंने आस्ट्रेलिया, कनाडा, मलेशिया आदि देशों का जिक्र करते हुए कहा कि इन देशों में आम जनमानस के बीच जीएसटी को लेकर एक असंतोष भी था लेकिन भारत ही ऐसा एकमात्र देश है जहां बिना किसी रुकावट व आमजन के असंतोष के इस कानून को सफलतापूर्वक लागू किया गया। एसीएस रस्तोगी ने कहा कि सरकार के रेवेन्यू को बढ़ाने, टैक्स चोरी को रोकने व लोग समय से अपनी सही रिटर्न्स भरें इसकी जिम्मेदारी टैक्स अधिवक्ताओं व उनके विभाग पर है। उन्होंने आशा जताई कि दोनों इस कसौटी पर खरा उतर पाएंगे।
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