दिल्ली शराब नीति मामले में ED प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम केजरीवाल को सातंवा समन भेजा है। जिसमें एजेंसी ने उन्हें 26 फरवरी को पेश होने के लिए कहा है। इससे पहले एजेंसी ने 17 फरवरी को छठा समन भेजकर केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था। तब आम आदमी पार्टी ने कहा था कि ED का समन गैरकानूनी हैं। समन की वैधता को लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है, तो बार-बार समन भेजने की जगह एजेंसी को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
आपको बता दें कि ED के नोटिस पर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि केजरीवाल को गैरकानूनी नोटिस भेजा गया है। आप ने बार-बार ये सवाल उठाया है कि किस आधार पर ये समन भेजा गया है। ED सिर्फ अरविंद केजरीवाल को डराना चाहती है। जब ED खुद इस मामले को लेकर कोर्ट गई है तो इंतजार क्यों नही कर सकती। सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से फैसला सुनाया है, उसी का बदला अरविंद केजरीवाल से लिया जा रहा है। अगर ये सिर्फ लीगल मामला होता तो ED कोर्ट के फैसले का इंतजार करती दिल्ली विधान सभा के बजट सत्र का इंतजार करती। आम आदमी पार्टी डरने वाली नहीं है।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव फैसले का बदला ले रही BJP
आप पार्टी की मंत्री आतिशी मार्लेना ने कहा कि ED का यह समन केजरीवाल और AAP को डराने की कोशिश है। जिस तरीके से सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की गरिमा बरकरार रखते हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव केस में फैसला दिया और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को विजयी घोषित किया, बीजेपी उसी का प्रतिशोध ले रही है।
केजरीवाल एक भी बार नहीं हुए पेश
बता दें कि इससे पहले सीएम केजरीवाल को 6 समन जारी होने के बाद भी वह अब तक पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर में पेश नहीं हुए हैं। इन समन को छोड़ना केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ा सकता है। क्योंकि, लगातार समन को छोड़ना ईडी की धारा 19 के तहत असहयोग के लिए अभियोग की जमीन मजबूत कर रहा है।