पीएम मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 370 और एनडीए को 400 पार सीट जिताने का टारगेट सेट किया है, लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं है. पीएम मोदी का जादू भले ही उत्तर के राज्यों में लोगों के सिर चढ़कर बोलता हो, लेकिन दक्षिण में अभी भी फीका है. ऐसे में बिना दक्षिण फतह किए 400 का सपना कैसे साकार होगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए लोकसभा चुनाव 2024 का एजेंडा सेट कर दिया. पीएम मोदी ने 2024 में तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनने का विश्वास जताते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सौ-सवा सौ दिन रह गए हैं. मैं आमतौर पर आंकड़ों के चक्कर में नहीं पड़ता हूं, लेकिन देश का मिजाज देख रहा हूं. मुझे विश्वास है कि देश बीजेपी को 370 सीटें अवश्य देगा और एनडीए का आंकड़ा 400 के पार रहेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि तीसरा कार्यकाल बड़े फैसलों के लिए होगा और अगले हजार वर्षों के लिए एक मजबूत नींव रखने का कार्यकाल होगा. देश के 140 करोड़ देशवासियों के सामर्थ्य पर मुझे अपार भरोसा है.
पीएम मोदी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए नारा गढ़ लिया है, ‘अबकी बार 400 पार’. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 282 सीटें जीती थी, जबकि एनडीए का आंकड़ा 336 का था. इसके बाद 2019 के चुनाव में बीजेपी को 303 सीटें मिली थीं, तो एनडीए गठबंधन का आंकड़ा 350 पार था. पीएम मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के लिए 370 सीट और एनडीए के लिए 400 पार सीटों का लक्ष्य रखा है.
कैसे होगा मोदी का सपना साकार?
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 370 और एनडीए के 400 पार सीटों का सपना कैसे साकार होगा? पीएम मोदी के टारगेट को हासिल करने के लिए बीजेपी को 2019 की तुलना में इस बार 67 सीटें ज्यादा जीतनी होंगी. एनडीए को भी अपना आंकड़ा पिछली बार के मुकाबले बढ़ाना होगा. ऐसे में हम बतातें है कि आखिर एनडीए के 400 पार का गुणा-गणित क्या है, बीजेपी और उसके गठबंधन के सहयोगी दलों को किन राज्यों में फायदा तो कहां सियासी नुकसान की संभावना है?
उत्तर भारत के हिंदी भाषी राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, दिल्ली, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 193 सीटें हैं. इन राज्यों में फिलहाल 177 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी के लिए चुनौती है कि इन राज्यों में अपनी सीट न सिर्फ बरकरार रखे बल्कि इसकी संख्या में इजाफा भी करे. उत्तर भारत के इन 11 राज्यों में बीजेपी की सीटों की बहुत ज्यादा बढ़ने की गुंजाइश नहीं दिख रही है.
महाराष्ट्र, बंगाल, असम, गुजरात और कर्नाटक में 2019 चुनाव वाले प्रदर्शन को 2024 के चुनाव में दोहराना होगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में बीजेपी को 18, महाराष्ट्र में 23, कर्नाटक में 25 और गुजरात की सभी 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 2024 चुनाव में बीजेपी के लिए फायदे की उम्मीद दक्षिण भारत के राज्यों में हो सकती है. दक्षिण में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के अलावा पुडुचेरी और लक्षद्वीप की 131 सीटों में से बीजेपी 2019 में महज 30 सीटें ही जीत सकी थी. इसलिए दक्षिण भारत के इन राज्यों में बीजेपी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है बल्कि इजाफा करने की है.
2024 में 400 पार का गणित
पीएम मोदी के चेहरे पर बीजेपी 2014 और 2019 की चुनावी जंग फतह करने के बाद अब 2024 उतरने जा रही है. कश्मीर से बिहार तक उत्तर भारत के इन राज्यों में 245 सीटें आती हैं, जिनमें पंजाब छोड़कर बाकी राज्य में बीजेपी बेहतर स्थिति में है. इसके बावजूद उत्तर भारत के राज्यों की सभी सीटें यानि 245 सीटें पर जीतना आसान नहीं, लेकिन 2019 की तुलना में उसकी सीटें बढ़ सकती है.
400 का आंकड़ा पार करने के लिए एनडीए को केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में अपनी सीटें बढ़ानी होंगी, क्योंकि इन्हीं राज्यों में बीजेपी के पास जीतने का मौका दिख रहा. गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान की अधिकतम सीटें बीजेपी के पास पहले से हैं. बिहार में जेडीयू को फिर से साथ ले लिया है, जिसके बाद 2019 की तरह क्लीन स्वीप हो सकता है. ऐसे में बीजेपी के पास जिन राज्यों में सीटें बढ़ाने का मौका है, उसी आधार पर 400 पार का आंकड़ा हासिल हो सकता है.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी गठबंधन ने 2019 में 80 लोकसभा सीट में से 64 सीटें जीतने में कामयाब रही थी और 16 सीटों पर हार मिली थी. 2024 में सपा और बसपा के यूपी में अलग-अलग चुनाव लड़ने का फायदा बीजेपी को मिल सकता है. 2014 में इसी तरह की स्थिति थी, तब बीजेपी ने 71 सीटें जीती थीं और 2 सीटें उसके सहयोगी को मिली थीं. फिर से वैसे ही नतीजे की उम्मीद बीजेपी ने लगा रखी है और अपना कुनबा भी बढ़ा लिया है.इस तरह बीजेपी को यूपी से 8 से 10 सीटों का इजाफा हो सकता है.
बीजेपी की किन राज्यों में टिकीं उम्मीद?
छत्तीसगढ़ की 11 में से 9 सीटें बीजेपी 2019 में जीती थी, लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जिस तरह प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है, उसके चलते माना जा रहा है कि क्लीन स्वीप कर सकती है. ऐसे में बीजेपी को दो सीटों का इजाफा हो सकता है. पंजाब में दो सीटें बीजेपी के पास हैं, लेकिन जिस तरह से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी में है. सूबे के दिग्गज नेताओं को बीजेपी ने अपने साथ मिलाया है, उससे लगता है कि पार्टी की सीटें इस बार बढ़ सकती हैं. बीजेपी पहली बार पंजाब में अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी और सभी सीट पर चुनाव लड़ेगी. पंजाब की 13 सीटों में से बीजेपी ने 4 से पांच सीटें जीतने का प्लान बनाया है.
झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में बीजेपी 11 सीट पर काबिज है और 2024 में उसे बढ़ाने की कवायद में है. माना जा रहा है कि बीजेपी अपनी सीटें 11 से बढ़ाकर 12 और 13 तक ले जा सकती है. महाराष्ट्र में सियासी बदलाव के बाद बीजेपी को अपनी सीटें बढ़ने की उम्मीद है. महाराष्ट्र में बीजेपी एनसीपी (अजित पवार गुट) और शिवसेना (शिंदे गुट) के साथ मिलकर चुनाव में उतरेगी. 48 सीटों वाले महाराष्ट्र में बीजेपी को सहयोगियों के साथ सीटें शेयर करनी होंगी, जिसमें पिछली बार से ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ेगी. गोवा में दो लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी के पास एक सीट है, जो बढ़कर दो हो सकती हैं.
दक्षिण पर टिकी बीजेपी की उम्मीद
एनडीए के 400 पार के आंकड़ा पार करने के लिए दक्षिण के तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में जीत दर्ज करनी होगी. इन राज्यों में कुल 104 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी के पास सिर्फ चार सीट हैं, जो तेलंगाना में मिली थीं. कर्नाटक में बीजेपी ने जेडीएस से गठबंधन करके राज्य की 29 सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए पहले से ही तैयारी कर रखी है, तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बीजेपी ने एक बार फिर टीडीपी और पवन कल्याण की जनसेना पार्टी के साथ गठबंधन कर रखा है. आंध्र प्रदेश में खाता खोलने की चुनौती है, तो तेलंगाना में बीजेपी को अपनी 4 सीट को बढ़ाकर 6 से 8 करनी होंगी.
केरल और तमिलनाडु में बीजेपी लगातार मशक्कत कर रही है. लोकसभा चुनाव से पहले एक्टर थलापति विजय ने तमिलनाडु में राजनीतिक पार्टी लॉन्च की है, जिसका नाम तमिझगा वेत्री कड़गम रखा है. बीजेपी की नजर दक्षिण के फिल्मी स्टार पर है, जिसके जरिए मजबूती के साथ चुनावी मैदान में उतरने की है. केरल में पिछले दिनों पीएम मोदी ने एक्टर-राजनेता सुरेश गोपी की बेटी की शादी में शिरकत की थी और वर-वधू को आशीर्वाद दिया था. सुरेश गोपी को बीजेपी केरल से चुनावी मैदान में उतार सकती है. इस तरह बीजेपी दक्षिण के राज्यों में 8-8 और 10-10 सीटें जीतने में कामयाब हो जाती है तो फिर लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेगी.
पूर्वोत्तर पर बीजेपी की नजर
बीजेपी के आगे चुनौती पूर्वोत्तर के साथ-साथ ओडिशा और बंगाल में भी अपने चुनावी नतीजों को बरकरार रखने की नहीं बल्कि उसे बढ़ाने की है. बीजेपी 2019 में ओडिशा की 21 में से 8 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन इस बार पार्टी की कोशिश उसे बढ़ाकर 10 से 12 तक ले जाने की है. पीएम मोदी ने इस दिशा में अपने दौरे भी ओडिशा से शुरू कर दिए हैं. पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से बीजेपी 2019 में 18 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.
पूर्वोत्तर राज्य में भी बीजेपी के लिए विस्तार की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन नवीन पटनायक और ममता बनर्जी की छवि के सामने ज्यादा उम्मीद करना आसान नहीं है. 400 पार के सपने पूरे करने के लिए बीजेपी को बंगाल और ओडिशा में अपनी सीटों को इजाफा करना होगा. पूर्वोत्तर के राज्यों की कुल 25 लोकसभा सीटों में से अभी तक बीजेपी 11 पर काबिज है, लेकिन क्षेत्रीय पार्टियों के चलते सिर्फ असम में ही बढ़ने की उसकी उम्मीद है.
असम में कुल 14 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी के पास 9 सीटें हैं, जहां तीन से चार सीटें बढ़ सकती हैं. बीजेपी की कोशिश असम में अपनी 9 सीटों को बढ़ाकर 12 तक ले जाना होगा. अरुणाचल से लेकर मेघालय और त्रिपुरा सहित पूर्वोत्तर की सभी 25 सीटों को बीजेपी गठबंधन अपने पास रखने की जुगत में है.
वोट के इजाफे से होगा सीटों में मुनाफा
बीजेपी की कोशिश 2024 के चुनाव में अपने वोट फीसदी को बढ़ाने की है. 2019 में बीजेपी को 37 फीसदी वोट मिले थे, जिसके चलते 303 सीटें उसे मिली थीं. बीजेपी 2024 के चुनाव में अपने वोट परसेंट को बढ़ाकर 47 फीसदी तक ले जाने में सफल हो जाती है तो फिर उसका आंकड़ा 370 सीट तक पहुंच सकता और एनडीए 400 पार हो सकती है, लेकिन उसके लिए उत्तर भारत में अपनी सीटों को बरकरार रखते हुए दक्षिण के राज्यों में अपनी सीटों का इजाफा करना होगा. दक्षिण भारत की 131 सीटों में से बीजेपी अगर 60 से 70 सीटें जीतने में कामयाब हो जाती है तभी जाकर पीएम मोदी के 400 पार का सपना साकार हो सकता है?