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मेयर के गठजोड़ में ब्राह्मण समाज का रहेगा बड़ा योगदान

गुरुग्राम। नगर निगम गुरुग्राम व मानेसर चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो चुकी है। प्रदेश के फरीदाबाद, गुरुग्राम व मानेसर नगर निगमों में चुनाव होने हैं, लेकिन इसके लिए अभी तक तिथि की घोषणा नहीं की गई है। मेयर व पार्षद पद के लिए भाजपा, कांग्रेस, जजपा व निर्दलीयों ने हुंकार भरनीशुरु कर दी है। उक्त राजनैतिक दलों के नेताओं ने जहां मेयर व पार्षद की टिकट पाने के लिए अपने आकाओं के यहां हाजिरी लगानी शुरु कर दी है, वहीं संबंधित वार्डों में जाकर अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटे हुए हैं। आगामी दिनों में दावेदारों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है। इस बार मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष रुप से किया जाएगा। मतदाता सीधे तौर पर मेयर चुनेंगे। इसमें जातिगत मतदाताओं का अहम योगदान रहेगा। बताया जाता है कि
गुरुग्राम नगर निगम में ब्राह्मण समाज के मतदाताओं की संख्या करीब एक लाख 15 हजार है, तो वहीं पंजाबी समाज के मतदाता सवा लाख, यादव-वैश्य समाज के मतदाता एक-एक लाख हैं। इसके अलावा अन्य समुदाय के मतदाता भी अपने मतों काप्रयोग करेंगे। बतादें कि ब्राह्मण समाज से न तो कभी कोई मेयर बनाया गया
और न ही गुरुग्राम विधानसभा से टिकट दी गई, जबकि ब्राह्मण मतदाताओं का मेयर व विधायक चुने जाने में अहम योगदान रहता है। मेयर पद के लिए जहां राजनैतिक पंडित समीकरण बनाने में जुटे हुए हैं, वहीं समुदायों के नेता भी अपने आपको प्रबल दावेदार साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

भाजपा की ओर से ब्राह्मण समाज भाजपा की ओर से ब्राह्मण समाज के जीएल शर्मा व मुकेश शर्मा पहलवान, कांगे्रस की ओर सेअमित भारद्वाज तथा निवर्तमान पार्षद अश्विनी शर्मा भी ब्राह्मण समाज की ओर से मेयर पद के प्रमुख दावेदारों में से एक हैं।

पंजाबी बिरादरी में पंजाबी बिरादरी महासंगठन के अध्यक्ष बोधराज सीकरी, भाजपा जिलाध्यक्ष
गार्गी कक्कड़, जबकि कांग्रेस के पंकज डावर, मजबूत दावेदारों में बताए जाते हैं।
यादव समाज से कांग्रेस के वर्धन यादव, जजपा के वरिष्ठ नेता सूबे सिंह बोहरा मेयर पद के लिए मजबूत दावेदारों में बताए जाते हैं।
ब्राह्मण समाज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व ब्राह्मण समाज के अग्रणी अमित भारद्वाज कांग्रेस में किसान सैल के प्रदेश महासचिव पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा वह गुरुग्राम विधानसभा में हमेशा सक्रिय रुप से अपनीभूमिका निभाते रहते हैं। आयोजनों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर लोगों के बीच बने रहते हैं। उन्हें भी मेयर पद के लिए प्रबल दावेदार बताया जा रहा है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व डेयरी विकास प्रसंघ के पूर्व चेयरमैन जीएल शर्मा को राजनीतिक क्षेत्र में काफी अनुभव है। भाजपा सरकार व संगठन में अपनी मजबूत पकड़ के लिए उन्हें जाना जाता है। गुरुग्राम विधानसभा में भी वह अधिकांश समाज में अपना वर्चस्व बनाए हुए हैं। इसलिए वह भी मेयर पद कीदौड़ में बताए जाते हैं। भाजपा के मुकेश शर्मा पहलवान जोकि स्वयं एक कद्दावर नेता हैं। पूर्व में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में बादशाहपुर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि उन्हें उस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन जिस प्रकार उन्हें मतदाताओं ने अपना सहयोग दिया, उसके हिसाब से वह गुरुग्राम के मेयर पद के लिए सटीक दावेदार बताए जाते हैं। निवर्तमान पार्षद अश्विनी शर्मा भी ब्राह्मण समाज की ओर से मेयर पद के लिए उपयुक्त बताए जाते हैं। 5 वर्ष पद तक पार्षद के रुप में अपने वार्डका विकास कराया, लोगों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उनके वार्ड के लोगों के अनुसार अश्विनी शर्मा भी मेयर पद के प्रबल दावेदारों में से एक हैं।
पंजाबी समाज से भाजपा के बोधराज सीकरी, गार्गी कक्कड़ को मेयर पद का प्रबल दावेदार बताया जाता है। बोधराज सीकरी जहां अपने सामाजिक कार्यों के लिए शहर में पहचाने जाते हैं, वहीं गार्गी कक्कड़ के हाथ में इस वक्त भाजपा जिला गुरुग्राम की कमान है। गार्गी कक्कड़ प्रदेश के खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की चेयरपर्सन रह चुकी हैं।
यादव समाज यादव समाज के मतदाताओं की संख्या भी गुरुग्राम में कम नहीं है। यादव समाज के वर्धन यादव व सूबे सिंह बोहरा भी मेयर पद के दावेदारों में से एक बताए जाते हैं। वर्धन यादव कांग्रेस के जहां युवा कार्यकर्ता के रुप में कार्य कर रहे हैं, वहीं सूबे सिंह बोहरा भी जजपा के राष्ट्रीय सचिव हैं और जनता के बीच बने रहते हैं। सूबे सिंह बोहरा पूर्व सरपंच रह चुके हैं तथा विधानसभा का चुनाव भी उन्होंने लड़ा था तथा उनके पुत्र कुलदीप बोहरा पार्षद रह चुके हैं।

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