पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली कूच पर अमादा हैं. प्रदर्शनकारी किसानों को लेकर आज पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान उच्च न्यायालय ने मृतक किसान शुभकरण की मौत की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में कराने की बात तो की मगर किसानों को दूसरी कुछ वजहों से फटकार भी लगाई.
किसान आंदोलन को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि पूरे मामले में दोनो ही राज्य अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभाने में नाकाम रहे हैं. सुनवाई के दौरान उस समय कोर्ट के तेवर कड़े हो गए जब हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को प्रदर्शन की तस्वीरें दिखाईं.
फोटो देख कर हाईकोर्ट ने किसान आंदोलनकारियों पर बड़ी टिप्पणी की. हाईकोर्ट ने कहा कि, ‘बड़े शर्म की बात है कि आप लोग बच्चो को आगे कर रहे हैं, कैसे माता पिता हैं.’ अदालत ने कहा कि, ‘बच्चों की आड़ में प्रदर्शन और वो भी हथियारों के साथ, आप लोगों को यहां खड़े होने तक का अधिकार नहीं है.’
हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से पूछा कि आप वहां कोई जंग करने जा रहे हैं, ये पंजाब का कल्चर नही है. कोर्ट ने निर्दोष लोगों को आगे करने को काफी शर्मनाक कहा और हाथों मे तलवार लेकर शांतिपूर्वक प्रोटेस्ट की बात पर फटकार लगाई.
हाईकोर्ट ने मृतक किसान शुभकरण की मौत की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में कराने की बात की. साथ ही, इसके लिए 3 सदस्यीय समिति बनाने का आदेश दिया. किसान शुभकरण की मौत किसान प्रदर्शनों के दौरान हो गई थी. इसके बाद किसानों ने प्रदर्शन को कुछ दिनों के लिए टाल दिया था.
सुप्रीम कोर्ट में भी दायर हुई थी याचिका
सुप्रीम कोर्ट में भी किसानों को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में सर्वोच्च अदालत से केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह किसानों की मांगों पर विचार करे. इस पर सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ता को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के गंभीर मामलों में याचिका का इस्तेमाल प्रचार के हथकंडे के तौर पर नहीं करना चाहिए. बाद में सर्वोच्च अदालत ने याचिका याचिका को वापस लेने की इजाजत दे दी.