अयोध्या के राममंदिर में गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। इस पवित्र पावन अवसर पर गर्भगृह में पीएम मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत और सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। रामलला की प्रतिमा को देख लोग मंत्रमुग्ध हो गए है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चांदी का छत्र लेकर राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचे। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर के ऊपर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई। हर किसी के चेहरे पर खुशी और उमंग देखते ही बनती है और हो भी क्यों ना 500 वर्षों का इंतजार खत्म हुआ है। अब ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठा रहा है कि रामलला की मूर्ति काली या श्यामल क्यों हैं। चलिए बताते हैं-
वाल्मीकि रामायण में भगवान राम का रुप
राम लला की मूर्ती को शिला पत्थर से तैयार किया गया है, जिसे कृष्ण शिला के नाम से भी जाना जाता है, यही वजह है राम लला की मूर्ती काले या श्यामल रंग की है शिला पत्थर के कई गुण हैं। इस पत्थर का उपयोग करने के पीछे एक वजह ये भी है कि जब रामलला का दूध से अभिषेक होगा तो दूध के गुण में पत्थर की वजह से कोई बदलाव नहीं होगा। उस दूध का उपभोग करने पर स्वास्थ्य पर कोई हानि नहीं पहुंचेगी, साथ ही ये हजारों वर्षों तक यूं ही रह सकता है। यानी कि इसमें किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं होगा। इसके अलावा वाल्मीकि रामायण में भगवान राम के जिस रूप के बारे में बताया गया है, उसमें उन्हें श्यामवर्णी, बेहद सुंदर, कोमल और आकर्षक बताया है। इसलिए रामलला की मूर्ती का रंग श्यामल रखा गया है।
क्यों होती है प्राण प्रतिष्ठा
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भगवान श्री रामलला की जो मूर्ति बनी है, वह पांच वर्ष के बालक का स्वरूप है। उन्होंने बताया कि मूर्ति 51 इंच की है। रामलला की मूर्ति में भगवान के कई अवतारों को दर्शाया गया है। प्राण प्रतिष्ठा प्रक्रिया का अर्थ है कि मूर्ति में प्राण डालना। बिना प्राण प्रतिष्ठा के मूर्ति पूजन पूरा नहीं माना जाता। मूर्ति में प्राण डालने के लिए मंत्र उच्चारण के साथ देवों का आवाहन होता है। इसलिए जिस भी प्रतिमा की पूजा होती है, उसकी प्राण प्रतिष्ठा करना बेहद जरूरी होता है।
मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा एक अभूतपूर्व और भावुक क्षण
सेना के हेलीकॉप्टरों ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बीच अयोध्या में राम मंदिर पर पुष्प वर्षा की। प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा पर कहा कि इस दिव्य समारोह का हिस्सा बनना बड़े सौभाग्य की बात है। अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा एक अभूतपूर्व और भावुक क्षण है।